संतुलन जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं। ध्यानपूर्ण योग आपको विभिन्न आसन करने में ही मदद नही करता, यह आपकी भावभंगिमा को सुधारता हैं, आपको आत्मविश्वास से भरता हैं तथा सही निर्णय लेने में मदद कर आपको सुख और समृद्धि भरा जीवन प्रदान करता हैं। आइये शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ाने वाले इस योगासन क्रम को जाने और अपनाएं –
आलथी-पालथी मार कर बैठे। गहरी साँसे लेते हुए अपने साँसों से जुडें। साँसों में गर्मी या अनियमितता को महसूस और स्वीकार करते हुए अपनी सारी चिंताए छोड़ कर अभ्यास के लिए तैयार होयें।
सुखासन में बैठे हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं। आगे झुकते हुए हथेलियों को ज़मीं पर रखे। गहरी साँसे लेते हुए मन को शांत करें।
बालासन में घुटनो को ज़मीं पर टिकाये, कूल्हों को हवा में घुटनो की सीध में लाये और रीढ़ को सीधा कर लें। गहरी सांस लेते हुए पेट को ज़मीन की ओर और ठोड़ी को छत की ओर ले कर जाएं। यह मार्जरी आसन हैं। अब सास छोड़ते हुए पेट को छत की ओर तथा ठोड़ी को ज़मीन की ओर ले जाएं। यह बितिलासन हैं। इस क्रम को 5 बार दोहराएं।
4. अधोमुखासन –
अपने पैर के पंजो के अग्रिम भाग को धरती पर टिकाकर घुटनो को सीधा कर लें। यह अधोमुखासन हैं। इस अवस्था में गहरी सांस लेते हुए कुछ देर रुकें।
- हस्त पदासन –
एक पैर आगे निकाल चलने की मुद्रा में आयें और साँस अंदर भरते हुए हाथों को सर के ऊपर से पैरों के पास ले जाएं। हाँथ से पैर की उँगलियों को छूने की कोशिश कर सकते हैं। 20-30 सेकंड इस मुद्रा में रहें। अब सांस छोड़ते हुए फिर से चलने की मुद्रा में आजाएं और हाथों को को सर के ऊपर ले जाएं।
- प्रणामासन –
ऊपर उठते हुए सीधे खड़े हो जाये। हाथ जोड़ कर प्रणाम की मुद्रा में आएं। पंजो के चारो कोनो पर ध्यान देते हुए संतुलन को महसूस करें।
बाएं पैर को उठा कर पंजे को दाएं घुटने के किनारे से टिकाएं। इस आसान में संतुलन बनाने की कोशिश करें। हाथो को प्रणाम की मुद्रा में सिर के ऊपर उठाएं। इस आसन में गहरी साँसे लें। दाएं पैर के लिए यह आसान दोहराये।
ताड़ासनकरना में सीधे खड़े होकर हाथों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर ले जाएं। अब हथेलियों को आपस में लॉक कर शरीर को जितना हो सके उतना ऊपर की ओर खींचे।
इस योगाभ्यास से आप कुछ ही दिनों में अपने मस्तिष्क और शरीर को ज्यादा संतुलित और अनुशासित पाएंगे।